भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय के उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा नवम्बर 1985 में किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखण्ड एवं चंडीगढ़ की विभिन्न एवं अद्वितीय कलाओं को सहेजना, विकास एवं विस्तार करना और उन्हें अभिन्न रूप प्रदान करना है। देश की विशाल एवं विभिन्न संस्कृतियों और कलाओं को विकसित एवं विस्तृत करने और लोकप्रिय बनाने के प्रयास हेतु इस केन्द्र की स्थापना की गई थी, ताकि कला के विभिन्न स्वरूपों को सामूहिक प्रयास द्वारा भारत की सांस्कृतिक विरासत के रूप में एक मिश्रित पहचान दी जा सके।
इस केन्द्र का पंजीकरण एक संस्था के रूप में पंजीकरण समिति के अधिनियम 1860 के अधीन करवाया गया था। भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय ही इसका मुख्य संचालक है जिसके सहयोग एवं दिशा-निर्देशानुसार यह केन्द्र कार्यरत् रहता है। इस केन्द्र की शासकीय सभा के अध्यक्ष महामहिम राज्यपाल, पंजाब हैं।
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